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बवासीर का रामबाण ईलाज - The panacea for hemorrhoids / piles

भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग कई बिमारियों से ग्रस्त हो गये हैं उनमें से एक बवासीर भी है आप इसे बवासीर या हैमरॉइड या तो पाइल्स के नाम से जानते हैं। यह कई प्रकार की होती है जैसे
आइये इसे अच्छे से जानते हैं:

मलद्वार के अंत में जो शिरायें हैं उनमें सूजन आने के कारण या बढ़ जाने को ही बवासीर कहते हैं। यह बवासीर को देखा जाये तो सेफेद रंग की मूली के जड़ के जैसी फेली हुई होती है। जो की मांस पेशी में अच्छी पकड़ के साथ होती है जिससे मल को त्यागने में बड़ी कठिनाई होती है कोई भी शीरा टाईट होकर किसी जगह से हटता है तो बहुत दर्द होता है और खून मल के साथ बाहर आने लगता है, कभी थेड़ा आता है और कभी ज्यादा आता है, आपको पता नहीं चलेगा और खनू गिरता रहेगा
ये बवासीर है यह कभी अपने आप ठिक होजाती है कभी ज्यादा बढ़ जाती है। कभी आप ऑपरेशन करवाते हैं तो कभी कबार कुछ हिस्सा अंदर छूट जाता है और वह फिर से बवासीर का रूप लेलेता है।

चंदा हैल्थ आपके लिये लाया है बवासीर का घरेलू और आसान इलाज जो कुछ ही समय में आपकी किसी भी प्रकार की बवासीर को तुरंत ठिक कर देगा चोहे वो खूनी बवासीर हो या बादी बवासीर



पान का पत्ता - हां दोस्तों पान का पत्ता ही ऐक ऐसी दवा है जो कि बवासीर को बड़ी की आसानी से ठीक करने की छमता रखता है।

आईये जानते हैं कैसे इस्तेमाल करना है:

4 या 5 पान का पत्ता कम पड़े तो कुछ और, इन सबको सील पर पीसें बीना पानी के जब यह पीस जाये तो इसे इकट्ठा करके लोई के जैसी बना लें और इसे अपने मलद्वार पर लगायें, आप इसे दबाकर रखें इसके रस से आपको फायदा पहुंचेगा, आप इसे लगाकर लंगोट पहनलें या टाईट कच्छा जिससे ये गिरे ना, इसे लगाने के बाद आपको मल द्वार पर चुनचुनाहट सी महसूस होगी आप घबरायें नहीं यह काम कर रहा है आप इसका प्रयोग 4 से 5 दिन करें आपकी बवासीर खत्म आपको पहले दूसरे दिन में ही काफी आराम मालूम पड़ जायेगा। दोस्तों यह उपाय किसी दूसरे जरूरत मंद को बतायें जिससे उस का फायदा होगा।

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साँस के बारे में जानकारी जो आपको जाननी बेहद आवश्यक है


साँसों के बारे में हम सभी को ज्ञान होना चाहिए, क्योकि वह हमारे जीवन का अहम हिस्सा है साँसों के बर्गर मनुष्य जीवित नहीं रह सकता है।

जानिये एड्स के लक्षण और उपचार

एड्स एक लाइलाज बीमारी है जिससे आपको हमेशा बच के रहना चाहिए, वैसे इस समय एड्स के मरीजों के लिए दवाई बनाई जा चुकी है जिसके इस्तेमाल से बीमारी ख़त्म तो नहीं होती पर थम जाती है तथा दवाई बंद करने पे बीमारी दुबारा बढ़ जाती है,

AIDS गंभीर और जानलेवा रोग है। AIDS का Full Form है Acquired Immuno Deficiency Syndrome यानि ऐसी बीमारी जो रोग-प्रतिकार शक्ति कम कर लक्षण देता है

अक्सर एच.आई.वी से संक्रमित लोगों में लम्बे समय तक एड्स के कोई लक्षण नहीं दिखते। दीर्घ समय तक (3, 6 महीने या अधिक) एच.आई.वी भी औषधिक परीक्षा में नहीं उभरते। अधिकांशतः एड्स के मरीज़ों को ज़ुकाम या विषाणु बुखार हो जाता है पर इससे एड्स होने की पहचान नहीं होती। एड्स के कुछ प्रारम्भिक लक्षण हैं:



ध्यान रहे कि ये समस्त लक्षण साधारण बुखार या अन्य सामान्य रोगों के भी हो सकते हैं। अतः एड्स की निश्चित रूप से पहचान केवल और केवल, औषधीय परीक्षण से ही की जा सकती है व की जानी चाहिये। एचआईवी संक्रमण के तीन मुख्य चरण हैं: तीव्र संक्रमण, नैदानिक विलंबता एवं एड्स.


प्रारंभिक अवस्था में एड्स के लक्षण

  1. तेज़ी से अत्याधिक वजन घटना
  2. सूखी खांसी
  3. लगातार ज्वर या रात के समय अत्यधिक/असाधारण मात्रा में पसीने छूटना
  4. जंघाना, कक्षे और गर्दन में लम्बे समय तक सूजी हुई लसिकायें
  5. एक हफ्ते से अधिक समय तक दस्त होना। लम्बे समय तक गंभीर हैजा।
  6. फुफ्फुस प्रदाह
  7. चमड़ी के नीचे, मुँह, पलकों के नीचे या नाक में लाल, भूरे, गुलाबी या बैंगनी रंग के धब्बे।
  8. निरंतर भुलक्कड़पन,


एच.आई.वी.  के फैलने के मुख्य  मार्ग 

  1. मैथुन या सम्भोग द्वारा ( गुदा, योनिक या मौखिक )
  2. शरीर के संक्रमित तरल पदार्थ या ऊतकों द्वारा ( रक्त संक्रमण या संक्रमित सुइयों के आदान-प्रदान )
  3. माता से शीशु मे ( गर्भावस्था, प्रसव या स्तनपान द्वारा )
मल, नाक स्रावों, लार, थूक, पसीना, आँसू, मूत्र, या उल्टी से एच. आई. वी. संक्रमित होने का खतरा तबतक नहीं होता जबतक कि ये एच. आई. वी संक्रमित रक्त के साथ दूषित न हो

AIDS से बचाव के लिए निम्नलिखित सावधानी बरते :

  1. अपने साथी से वफादार रहे। 
  2. ज्यादा व्यक्तियों के साथ सेक्स सम्बन्ध नहीं बनाने चाहिए। अगर किसी अन्य व्यक्ति के साथ सेक्स संबंध बनाने भी हों तो हमेशा कंडोम का प्रयोग करना चाहिए। 
  3. जहां तक हो सके वेश्या या गलत लोगों से सेक्स संबंध बनाने से बचना चाहिए। 
  4. अगर बाहर दाढ़ी आदि बनवानी हो तो नाई से कहकर हमेशा नए ब्लेड का प्रयोग ही करवाएं। 
  5. अस्पताल आदि में सुई लगवाते समय हमेशा नई सीरींज का ही प्रयोग करना चाहिए। 
  6. अगर अस्पताल आदि में खून चढ़वाने की जरूरत पड़ जाए तो पहले पूरी तरह confirm हो जाएं कि जो खून आपको चढ़ाया जा रहा है वह किसी AIDS रोग से ग्रस्त रोगी का तो नहीं है।

एड्स रोग का उपचार


औषधी विज्ञान में एड्स के इलाज पर निरंतर संशोधन जारी हैं। भारत, जापान, अमरीका, युरोपीय देश और अन्य देशों में इस के इलाज व इससे बचने के टीकों की खोज जारी है। हालांकी एड्स के मरीज़ों को इससे लड़ने और एड्स होने के बावजूद कुछ समय तक साधारण जीवन जीने में सक्षम हैं परंतु अंत में मौत निश्चित हैं।

एड्स लाइलाज हैं। इसी कारण आज यह भारत में एक महामारी का रूप हासिल कर चुका है। भारत में एड्स रोग की चिकित्सा महंगी है, एड्स की दवाईयों की कीमत आम आदमी की आर्थिक पहुँच के परे है। कुछ विरल मरीजों में सही चिकित्सा से 10-12 वर्ष तक एड्स के साथ जीना संभव पाया गया है, किंतु यह आम बात नही है।
ऐसी दवाईयाँ अब उपलब्ध हैं जिन्हें प्रति उत्त्क्रम-प्रतिलिपि-किण्वक विषाणु चिकित्सा [anti reverse transcript enzyme viral therapy or anti-retroviral therapy] दवाईयों के नाम से जाना जाता है। सिपला की ट्रायोम्यून जैसी यह दवाईयाँ महँगी हैं, प्रति व्यक्ति सालाना खर्च तकरीबन 15000 रुपये होता है और ये हर जगह आसानी से भी नहीं मिलती। इनके सेवन से बीमारी थम जाती है पर समाप्त नहीं होती। अगर इन दवाओं को लेना रोक दिया जाये तो बीमारी फ़िर से बढ़ जाती है, इसलिए एक बार बीमारी होने के बाद इन्हें जीवन भर लेना पड़ता है। अगर दवा न ली जायें तो बीमारी के लक्षण बढ़ते जाते हैं और एड्स से ग्रस्त व्यक्तियों की मृत्यु हो जाती है।

एक अच्छी खबर यह है कि सिपला और हेटेरो जैसे प्रमुख भारतीय दवा निर्माता एच.आई.वी पीड़ितों के लिये शीघ्र ही पहली एक में तीन मिश्रित निधिक अंशगोलियाँ बनाने जा रहे हैं जो इलाज आसान बना सकेगा (सिपला इसे वाईराडे के नाम से पुकारेगा)। इन्हें आहार व औषध मंत्रि-मण्डल [FDA] से भी मंजूरी मिल गई है। इन दवाईयों पर प्रति व्यक्ति सालाना खर्च तकरीबन 1 लाख रुपये होगा, संबल यही है कि वैश्विक कीमत से यह 80-85 प्रतिशत सस्ती होंगी।
- wikipedia के अनुसार 


इन्फ्लुएंजा ( भारी नजला ) की रोकथाम कैसे करें।

इन्फ्लुएंजा ( भारी नजला ) क्या है तथा इसके लक्षण



यह ज्वर थूक, कफ, नाक श्लेष्मा, मल आदि के प्रभाव से चढ़ता है। यह रोग सर्दी-गर्मी के कारण बहुत जल्दी फैलता हैं। ज्यादा थकान, मेहनत करने के बाद ठंडा पानी पीने, दूषित भोजन करने, दूषित वातावरण में रहने आदि से यह उत्पन्न होता है।

सेक्स पॉवर को बढ़ायें इन टिप्स के जरिये ।


सेक्स पावर यौन शक्ति का दूसरा नाम है सेक्स समय और परिस्थितियों के अनुसार घटता और बढ़ता है कई लोग अपनी सेक्स पावर को लेकर शंका करते रहते हैं कई बार किसी बिमारी के कारण सेक्स पावर में कमी आ जाती है ऐसे समय में आपको घबराना नहीं चाहिये क्योकि कुछ ही दिनों में यह सही हो जाती है।

चेहरे की झुर्रियां हटायें वो भी प्राकृतिक तरीके से


झुर्रियां हटाने के लिये महिला और पुरूष लोग अनेको क्रीम कॉस्मेटिक्स उठा लाते हैं मार्केट से पर वह फायदा न पहुंचाकर नुकसान ज्यादा पहुंचाती हैं क्योकि उनमें होते हें खतरनाक कैमिकल जो हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचाती है।
यहां घरेलु उत्पाद का इस्तेमाल का करके बताया गया है कि झुर्रियां कैसे हटायें , आइये जानते हैं- 
आप ध्यान रखें कि आप कहीं भी बाहर निकल रही हैं तो अपना मुंह को ढककर निकलें।

चेहरे पर झुर्रियों के कारण (Causes of Wrinkles on the Face)

मनुश्य के चेहरे पर होने वाली झुर्रियों का कारण सही समय पर खानपान न होना और खानपान में मिलावट होती है किसी मनुश्य के चेहरे पर जब झुर्रिया आने लगती हैं तो वह बहुत ही तेजी से बढ़ती हैं जिसकी वजह से चेहरे की सुंदरता खत्म हो जाती है। जब मनुश्य के चेहरे पर झुर्रिया आ जाती हैं तो वो आईने के सामने खड़े होने पर बहुत ही निराष हो जाता है अपना चेहरा देख कर, आईये हम आपको बताने जा रहे हैं झुर्रियों के पड़ने का कारण जिसे जानकर आप सावधानि बरतें और अपने चेहरे पर झुर्रियों के दस्तक को रोकें।

इन तरीकों से आप रह सकते हैं स्वस्थ

क्या आप मोटापे से परेशान हैं?

अगर आप मोटापे से परेशान हैं तो आपको यह लेख पढ़ना आवश्यक है क्यों कि इससे आपको मोटापे से छुटकारा मिल सकता है।

Control high blood pressure. हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करें।

Today’s crowded life . We not geeting time for us.  Because of eating marketable thing that says wrong food eated  cause high blood pressure as diseases are invited . Of later which ourself very harmful for us. Come to known how to get  freedom from this diseases.
आजकल की भाग-दौड भरी जिंदगी में हम अपने लिए वक्त निकाल ही नहीं पाते। बाजारू चिजें खाने की वहज से या फिर कहें कि गलत खानपान की वजह से हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों को दावत दे बैठते हैं। जो कि आगे चलकर हमारे लिए बहुत ही नुकसानदेय सिद्ध होता है। आइये जानते हैं कि कैसे इस बीमारी से निजात पाई  जा सके।

TASTY CHURNA स्वादिष्ट पाचन चूर्ण

NOW A DAYS  NO BODY WAS HUNGRY THIS IS A PROBLEM EVERY PROMBLEM WAS INCRESING FROM THIS ALL PROBLEM IF TO GET FREEDOM THIS TASTY CHURAN WAS MADE TO USE THIS EVERY  ILL PRO BLEM WILL SOLVE  BECAUSE IS SAID ALL PROBLEM IS BECAUSE OF STOMACH IS NOT CLEAN THAT’S WHY THIS PROMBLEM WILL SOLVE FROM CHURAN.


NOW COME TO KNOWN HOW IT WILL MAKE CHURAN

(CITRIC  AC ID) 15 GRAM, MISHRI 140 GRAM, POMOGARANATE  SEED 40 GRAM , Dry ginger 40 gram, Black pepper, Scared  fig, Cardamom, Pudina Leaf, Cinnamon, Dry Bay Leaf, from all this ingredients take 20-20gram , cumin have a fried 120 gram, Rock salt 100gram.

How to make:  Take ciacid  half spoon and mix it in water ,Rock sugar and Rock salt keep it alone, rest of all ingredients make a powder , In citric  acid all medicine powder mix it after that make a powder of  Rock sugar put on that and mix it properly and in last make a powder of Rock salt and mix it.

How to use : One spoon  churan in one day three time use it take a churan and water and drink it.
Profit: This is very tasty churan from this churan your stomach problem will  become slowly nice in that food will proper digest because of this you feel hungry properly. And all related to stomach problem will also become nice .

अपच, कब्ज, अरूचि और भूख न लगना आदि समस्याओं से आजकल हर कोई परेशान है और ये सभी समस्या बढती ही जा रही है इन सभी समस्याओं से निजात पाने के लिए यहाँ एक पाचन चूर्ण को बना कर बताया गया है इसके उपयोग से आप सभी बिमारीयों से निजात पा सकते हैं क्योकि कहा जाता है कि सभी बिमारीयाँ पेट के खराब होने की वजह से होती हैं।

WHAT IS BRONCHITIS? ABOUT BRONCHITIS YOU HAVE TO HAVE KNOWLEDGE .

ब्रोंकाइटिस क्या है (Bronchitis) इसके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए। 
ABOUT BRONCHITIS YOU HAVE TO HAVE KNOWLEDGE .
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